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मंगलकारी डटे रहो कदमों मनभावन मान और अभिमान प्रफुल्लित घबराना नही समृद्धि प्यार जंगल क्यों पूरी होवें मनोकामनाएं पाणिग्रहण पर घर इम्तिहान लड़ना बयां रहो मानव हो मानव रहो सीने

Hindi प्रफुल्लित रहो Poems