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दाम्पत्य जीवन रहो डटे रहो प्रफुल्लित इम्तिहान जंगल क्यों समृद्धि प्यार मानव हो मानव रहो बयां जीवन माँ पाणिग्रहण सीने मंगलकारी पर लड़ना मनभावन कदमों पूरी होवें मनोकामनाएं

Hindi प्रफुल्लित रहो Poems